Kalki Dham Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल में आचार्य प्रमोद कृष्णम के नेतृत्व वाले श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट के नेतृत्व में कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास समारोह का उद्घाटन किया। मंदिर का निर्माण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान कल्कि के प्रतीक्षित आगमन की तैयारी करता है, भगवान विष्णु के 24वें अवतार की भविष्यवाणी की गई है, जो कलियुग के अंत में उभरने वाले हैं।
Kalki Dham Temple का स्थान कहा हे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संभल के ऐछौड़ा कंबोह स्थित कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी। मंदिर का निर्माण आचार्य प्रमोद कृष्णम की अध्यक्षता में श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। यहां आप जानेंगे कि भगवान कल्कि कौन हैं और उनका जन्म कब होगा। आचार्य प्रमोद कृष्णम को हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने “पार्टी विरोधी टिप्पणियों” के लिए निष्कासित कर दिया था।
कल्कि अवतार कौन है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब-जब संसार में अधर्म बढ़ा है, तब-तब भगवान विष्णु ने सही व्यवस्था स्थापित करने के लिए धरती पर जन्म लिया है। धर्मग्रंथों में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन है, जिनमें से 23 अवतार पहले ही धरती पर अवतरित हो चुके हैं। अब बारी है 24वें अवतार की, जो ‘कल्कि अवतार’ के नाम से जाना जाएगा। कहा जाता है कि यह भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतारों में से एक होगा। पुराणों के अनुसार यह अवतार कलियुग के अंत में प्रकट होगा।
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कल्कि अवतार कब होगा?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान कृष्ण के पृथ्वी छोड़ते ही कलियुग का आरंभ हो गया। गौरतलब है कि कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्ष लंबा बताया गया है। अब तक कलियुग के 5126 वर्ष बीत चुके हैं। श्रीमद्भागवत पुराण के 12वें स्कंध के 24वें श्लोक के अनुसार जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब भगवान कल्कि पृथ्वी पर जन्म लेंगे। श्रीहर के इस दसवें अवतार की जन्म तिथि..
कल्कि अवतार कहाँ होगा?
जानकारी के मुताबिक कल्कि अवतार का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल में होगा. इसीलिए इस स्थान पर कल्कि धाम बनाया जा रहा है। अब तक भगवान विष्णु के जितने भी अवतार हुए हैं उनके मंदिर उनके जन्म के बाद ही बनाए गए हैं, लेकिन कल्कि भगवान विष्णु के एकमात्र ऐसे अवतार हैं जिनका मंदिर उनके जन्म से पहले ही बनाया जा रहा है।
कैसा होगा कल्कि अवतार का स्वरूप?
‘अग्नि पुराण’ के सोलहवें अध्याय में कल्कि अवतार का वर्णन धनुष-बाण धारण करने वाले घुड़सवार के रूप में किया गया है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार देवदत्त नामक सफेद घोड़े पर सवार होकर आएगा, जो कलियुग के पापियों का नाश करेगा। भगवान का यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। कल्कि भगवान शिव की तपस्या करेंगे और अधर्म को नष्ट करने के लिए उनसे चमत्कारी शक्तियां प्राप्त करेंगे।
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