Japanese Fever: जानलेवा जापानी बुखार का प्रकोप एक बार फिर देखने को मिल रहा है। इसको लेकर मध्य प्रदेश के कई जिलों में मेगा टीकाकरण अभियान भी चलाया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ 1 से 15 साल के बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग लापरवाही न बरतने और सावधानी बरतने की अपील कर रहा है।
Japanese Fever एक खतरनाक बीमारी
जापानी एन्सेफलाइटिस को जापानी बुखार भी कहा जाता है। यह एक जानलेवा बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलती है। ये मच्छर आमतौर पर फ्लेविवायरस से संक्रमित होते हैं। जापानी बुखार संक्रामक नहीं है, यानी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। इस बुखार की जानकारी मच्छर के काटने के 5 से 15 दिन बाद सामने आती है। इससे बचाव के लिए बच्चों को टीका लगाया जाता है। यह बीमारी इसलिए खतरनाक मानी जाती है क्योंकि इसके गंभीर होने पर लकवा या कोमा होने का खतरा रहता है।
क्या है इसके लक्षण?
सिरदर्द या मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन या तंत्रिका संबंधी समस्याओं का खतरा
तेज़ बुखार
सिरदर्द
गला अकड़ना
काकापी
झटका
क्या है इसका इलाज?
जापानी बुखार होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, जहां उसका इलाज किया जाता है। उन्हें ऑक्सीजन मास्क दिया गया है क्योंकि उन्हें कभी-कभी सांस लेने में परेशानी होती है। स्थिति गंभीर होने पर टीका लगाया जाता है।
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इससे बचने के लिए क्या करे?
घर के आसपास साफ-सफाई में कमी न आने दें। मौसम बदलने या बारिश होने पर अपने शरीर को ढक कर रखें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। 1 से 15 वर्ष तक के बच्चों को टीका अवश्य लगवाना चाहिए।
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