Diesel To EV Indian Goverment अगले 7 सालों में 8 लाख डीजल बसों या सड़क पर चलने वाली एक तिहाई बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की योजना बना रही है।
Diesel To EV
केंद्र ने 7 साल में 8 लाख Electric Buses संचालित करने की जानकारी दी है, जबकि पिछले महीने जानकारी आई थी कि 2030 तक देश में 8,00,000 EV बसें तैनात करने का लक्ष्य है।
इसका उद्देश्य कार्बन CO2 उत्सर्जन को कम करने के साथ टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल की सुविधा को बढ़ावा देना है।
देश की सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को विद्युतीकृत करने के लिए डिज़ाइन की गई यह योजना फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) प्रोत्साहन कार्यक्रम के तीसरे चरण को प्रतिस्थापित करने और भारत को ईवी के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में पेश करने की संभावना है।Diesel To EV
Enviroment Ko Hoga Bahot Badha Fayda
“डीजल बसों को EV में बदलने से न केवल पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान होगा, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भी मदद मिलेगी,” एक व्यक्ति ने कहा. “यह व्यापक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना में तेजी लाएगा, पैमाने लाएगा, जिससे प्रति यूनिट लागत कम होगी और साथ ही विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियां पैदा होंगी।
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जानिए देश में कितनी बसें हो रहीं संचालित
भारतीय सड़कों पर इस समय लगभग 4,000 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जबकि देश में 2.3 मिलियन डीजल और सीएनजी बसें चल रही हैं. ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट के उपाध्यक्ष, सौरभ कुमार का कहना है कि भारत में वर्तमान में लगभग 2,300,000 बसें हैं, जिनमें से 140,000 सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों की ओर से चलाई जाती ह।
निजी बसों को इलेक्ट्रिक में बदलना भारत के डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है. सरकार की आरे से इलेक्ट्रिक कारों और दोपहिया वाहनों को खरीदने में सक्षम व्यक्तिगत खरीदारों को प्रोत्साहित करने के बजाय, ऐसे सेगमेंट में संसाधनों का निवेश करना बेहतर है. इसका सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से सबसे अधिक प्रभाव होगा.