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World Cancer Day: तेजी से बढ़ते हुए बड़े खतरे के बारे में सतर्कता है अनिवार्य

World Cancer Day: दुनिया भर में कैंसर के बढ़ते खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करने और शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी को पूरी दुनिया में विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कैंसर के मामले पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े है।

World Cancer Day

World Cancer Day पर बढ़े है कैंसर के मामले

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग हर उम्र के लोगों में कैंसर पाया जा रहा है। साल 2022 में भारत में कैंसर के 14.1 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए और 9.1 लाख से ज्यादा लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई। देश में स्तन कैंसर के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा बीमारी के वैश्विक खतरे पर जारी आंकड़ों में देश को कैंसर के बढ़ते खतरों को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

WHO की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने बताया है कि भारत में हर साल इस बीमारी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, यहां तक कि कम उम्र के लोग भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। जीवनशैली और खान-पान में अनियमितता के साथ आनुवंशिकी और पर्यावरणीय कारकों के कारण कैंसर का खतरा और इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ी है।

कैंसर से जोखिम का अनुमान

वैश्विक स्तर पर, एजेंसी का अनुमान है कि 20 मिलियन नए कैंसर के मामले और 9.7 मिलियन मौतें हो सकती है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 5 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर हो जाएगा, और लगभग 9 में से 1 पुरुष और 12 में से 1 महिला की इस बीमारी से मृत्यु हो सकती है। भारत में, 75 वर्ष की आयु से पहले कैंसर होने का जोखिम 10.6 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि उसी आयु तक कैंसर से मरने का जोखिम 7.2 प्रतिशत पाया गया। वैश्विक स्तर पर ये जोखिम क्रमशः 20 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत हैं।

कौनसा कैंसर है ज्यादा जोखिमकारक

कैंसर के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि फेफड़ों का कैंसर सबसे आम कैंसर है (सभी नए मामलों में से 12.4 प्रतिशत) और कैंसर से होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण है। यह कैंसर से होने वाली सभी मौतों का लगभग 19 प्रतिशत है। विशेषज्ञों का कहना है कि एशिया में तंबाकू के अधिक सेवन से फेफड़ों के कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है।

क्या कहती है रिपोर्ट? (World Cancer Day)

रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों में होंठ, मुंह और फेफड़ों के कैंसर के सबसे आम मामले पाए जाते हैं, जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय के कैंसर के मामले पाए गए हैं। कैंसर के नए मामलों में से 27 प्रतिशत का निदान स्तन कैंसर के रूप में किया गया जबकि 18 प्रतिशत का निदान सर्वाइकल कैंसर के रूप में किया गया। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है कि अगले 5 वर्षों में और अधिक लोगों में कैंसर के मामले सामने आ सकते है।

सर्वाइकल कैंसर के बारे में चेतावनी

अगस्त 2020 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने के लिए एक वैश्विक रणनीति अपनाई थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि 15 साल की उम्र से पहले लड़कियों को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HVP) के खिलाफ टीका लगाने और 35 साल की उम्र तक 70 प्रतिशत महिलाओं की जांच करने से सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।

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लक्षण और बचाव

वित्त मंत्री ने बजट के दौरान कहा कि सरकार सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए देशभर में टीकाकरण अभियान चलाएगी। एचपीवी वैक्सीन 9 से 14 साल की लड़कियों को लगाई जाएगी। ताकि सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सके। डॉक्टरों के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर देश में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। हर साल इसी वजह से हजारों महिलाएं अपनी जान गंवा रही हैं।

हालाँकि, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है और सही उम्र में टीकाकरण से इस घातक कैंसर का खतरा 98 प्रतिशत तक कम हो सकता है। डॉक्टर के मुताबिक एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के साथ-साथ गले के कैंसर को रोकने में भी कारगर हो सकती है। आमतौर पर एचपीवी वैक्सीन की एक खुराक की कीमत निजी अस्पताल में लगभग 2000 रुपये होती है। जबकि आयातित वैक्सीन की कीमत 3500 रुपये तक है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट से एकत्रित की गई जानकारी के आधार पर लिखा गया है।